संतोषी माता मंदिर खूथड़ीं (लदरौर) में आपका हार्दिक स्वागत है!
उप-मण्डल भोरंज, जिला हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश में स्थित, 1000 मीटर की ऊँचाई पर बसा संतोषी माता मंदिर खूथड़ीं (लदरौर) एक पवित्र धार्मिक स्थल है, जिसे 1968-1970 के दौरान गांव खूथड़ीं के वासियों द्वारा सामूहिक मलकीयत भूमि पर निर्मित किया गया था। इस मंदिर की स्थापना ग्रामीणों की अटूट श्रद्धा और भक्ति का परिणाम है, और इसे एक पंजीकृत सुधार समिति द्वारा संचालित किया जाता है।
मंदिर के परिसर में भक्तों के लिए केवल संतोषी माता के दर्शन ही नहीं, बल्कि नवदुर्गा की नौ देवियों की मूर्तियों की भी स्थापना की गई है, जिसमें शेरां वाली, माता संग माता वैष्णो, माता चामुंडा, माता ब्रजेश्वरी, माता चिंतपूर्णी, ज्वाला माता, नैना देवी, मंशा देवी और काली माता शामिल हैं। इसके अलावा, भगवान शिव शंकर की कैलाश पर्वत पर विराजमान मनमोहक प्रतिमा और मनोकामना शतंभ भी यहां विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
समय के साथ, मंदिर की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है, और भक्तजनों की सुविधा हेतु विभिन्न विकास कार्य किए गए हैं। यहां की आध्यात्मिक शांति और धार्मिक वातावरण के कारण यह स्थल क्षेत्र का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र बन गया है।
मंदिर का इतिहास और निर्माण
संतोषी माता मंदिर खूथड़ीं (लदरौर) का निर्माण गांव के वासियों द्वारा उनकी सामूहिक मलकीयत भूमि पर किया गया। इस मंदिर की स्थापना के पीछे ग्रामीणों की अटूट श्रद्धा और भक्ति का योगदान है। इस पवित्र स्थल पर आने वाले भक्तों को शांति और संतोष की अनुभूति होती है, और यह स्थान एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरा है।
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"लदरौर में संतोषी माता के दरबार में पाएं अनंत शांति और समृद्धि!"
मंदिर का विकास और सौंदर्यकरण
मंदिर के सौंदर्यकरण की तरफ विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि इसे सांस्कृतिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनाया जा सके:
- पौधशाला की स्थापना: मंदिर परिसर में विशेष पौधशाला स्थापित की गई है जिससे आकर्षण और सौंदर्य बढ़ता है।
- CCTV कैमरों द्वारा निगरानी: पूरे मंदिर परिसर की 16 स्थलों से निगरानी के लिए CCTV कैमरों की व्यवस्था की गई है।
- सामाजिक कल्याण: गरीब और असहाय लोगों के लिए वित्तीय और अन्य सहायता का प्रावधान किया गया है। गरीब कन्याओं की शादी के लिए भी सहायता की जाती है।
- शिक्षा और समाज कल्याण: मेधावी छात्रों के लिए प्रोत्साहन और सहायता का प्रावधान है। शिक्षा, समाज कल्याण और धार्मिक उत्थान के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
मंदिर की सुविधाएं
मंदिर में भक्तों की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं:
- शौचालय और स्नानागार की सुविधा: भक्तजनों के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है।
- लंगर व्यवस्था: हर मंगलवार, शुक्रवार, और रविवार को लंगर की व्यवस्था है। नवरात्रे और मेला सीजन में रोजाना लंगर की सुविधा उपलब्ध होती है।
- रात्री ठहरने की व्यवस्था: भक्तों के ठहरने के लिए सराय और कमरे उपलब्ध हैं।
- भजन-कीर्तन हेतु सभागार: बड़े सभागार की सुविधा है, जहाँ भक्तजन भजन-कीर्तन कर सकते हैं।
- विद्युत आपूर्ति और पेयजल: 24 घंटे 3 फेस विद्युत आपूर्ति और स्वच्छ पेयजल के लिए वाटर कूलर की सुविधा उपलब्ध है।
- अन्य धार्मिक स्थल: मंदिर परिसर में संतोषी माता के अतिरिक्त नौ देवियों की मूर्तियों और श्री राम सेतु चट्टान के दर्शन का भी प्रावधान है।
- भैरों बाबा और बजरंग बली के दर्शन: भक्तों के लिए इन पूजनीय देवताओं के दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध है।
- बैठने और लंगर की सुविधा: मंदिर परिसर के अंदर और बाहर भक्तजनों के बैठने की उचित व्यवस्था है। लंगर आयोजन हेतु बड़े हॉल भी उपलब्ध हैं।
प्रस्तावित कार्यक्रम और भविष्य की योजनाएं
मंदिर के समुचित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसमें भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार सुधार और विस्तार की योजनाएं शामिल हैं:
मुख्य पौढ़ी का पुननिर्माण:
- मुख्य प्रवेश द्वार का पुनर्निर्माण और विस्तार किया जाएगा।
लाइटिंग डेकोरेशन:
- मंदिर के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए विशेष लाइटिंग डेकोरेशन का प्रावधान किया जाएगा।
पुराने भवनों का पुनः निर्माण:
- पुराने भवनों और सरायों का पुनः निर्माण किया जाएगा और मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
आवागमन हेतु लिफ्ट:
- मंदिर तक पहुंचने के लिए लिफ्ट की योजना पर काम किया जा रहा है।
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